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Kola Superdeep Borehole : कोला सुपरडीप बोरहोल
दोस्तों में आज आपको बताने वाला हूं दुनिया के सबसे गहरे गड्ढे के बारे में वैसे तो दुनिया में काफी सारी चीजें ऐसी है जो जमीन के बहुत नीचे बनाई गई जिसमें
धरती जमीन या पृथ्वी पर और आसपास हमने कई तरह के गड्ढे देखें कभी हम कुवों को देखते हैं तो कभी बावड़ी कभी हम हेडपंप और ट्यूबवेल देखते यह सब देखने के बाद हमारे मन में यह प्रश्न आता है दुनिया का सबसे गहरा गड्ढा कहां है आज हम उसी के बारे में बात करने वाला गड्ढे को देखने के बाद हमारे मन में यह सवाल भी आता है कि हम धरती को यहां इस पार से खोदकर पृथ्वी के उस पार जा सकते हैं यह सब सवालों का जवाब देने के लिए आज हम दुनिया के सबसे गहरे गड्ढे के बारे में बात करेंगे
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दुनिया का सबसे गहरा स्टेशन धरती की सतह से 105 मीटर नीचे है जो एक युक्रेन देश मे है
जापान की सीकन वोटर तुनल जो धरती से 240 मीटर नीचे है ऐसी बहुत सारी चीजें जमीन के नीचे बनायीं गई
मगर मैं आज बात करने वाला हूं कोला सुपरडीप होल के बारे में रूस में एक ऐसा गड्ढा है है जिसको पूरी दुनिया का सबसे गहरा गड्ढा कहां जाता है
कोला सुपर दीप को रूस के वैज्ञानिकने 1970 में अमेरिका से प्रतिस्पर्धा के लिए खोदना शुरू किया था इसमें वाकई में रसिया कोई जीत मिली लगातार 19 साल तक खुदाई चली खुदाई 1989 तक चली थी
जिसमें साइंटिस्ट लोग 12.24 किलो मीटर तक खोद चुके थे यह लंबाई को अगर फीट में देखा जाए तो 40230 लंबाई होती है जो दुनिया का अनोखा रिकॉर्ड हे
यह खुदाई के लिए Uralmash नामक 1 भीम काय मशीन का उपयोग किया गया था ज्यादा खुदाई करने के बाद तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तब चला गया था कितने तापमान पर किसी भी तरह की मशीन का काम करना संभव नहीं था इसलिए 1989 में खुदाई रोक दी गई
इसके बाद वैज्ञानिकों ने इस गड्ढे को "Door to hell " नाम दिया इस गड्ढे को नर्क का दरवाजा भी कहा जाता है
लेकिन यह गड्ढा उतना गहरा नहीं की धरती के आर पार हो सके
यह गड्ढे पृथ्वी के आर पार करने के लिए जरूरी दूरी का सिर्फ 2% से भी कम है
Why Drilings is Stop || यह खुदाई क्यों रोक दी गई
जमीन के नीचे अधिक तापमान यानी 180 से तापमान पर खुदाई पहुंच चुकी थी उसके बाद वैज्ञानिक लोगों को इस तापमान से बहुत सी परेशानी हो रही थी खुदाई में इसलिए वैज्ञानिक लोगों ने यह तय किया कि हम यह खुदाई रोक देते हैं
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