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जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था किसे बना
THE HISTORY OF JAPAN
आधुनिक जापान को देखने से पहले हमें एक नजर जापान एंपायर पर भी डालनी पड़ेगी कई सारे द्विपो से बना देश कैसे तीसरी सबसे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया
जापान एक समय बड़ी बड़ी महाशक्ति को टक्कर देता था जापान की सेना ने रशिया को भी कई बार हराया है चीन को भी बहोत बार मजाक मजाक में हराया है एक समय ऐसा भी आया जापान ने अमेरिका की भी पूरी तरह से कमर तोड़ दी थी.
जापान के पास खेती के लिए काफी जमीन नहीं थी ना उसके पास कोई कुदरती संपत्ति थी फिर भी आज इतने आगे कैसे निकल गया है इस बारे में आज हम बात करने वाले है
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जापान का इतिहास
THE HISTORY OF JAPAN
जापान में जब मिलेटरी पावर तोकुगावा शौगुन पास आयी तो पूरी दुनिया से जापान के रिश्ते तोड़ दिए थे ना कोई जापान के साथ व्यापार कर सकता था ना कोई जापान की जमी पर आ सकता था यह कानून के पहले जापान में व्यापार होता था इस कानून के बाद यानि 1608 के बाद सब बंद हो गया था
जापान एक कुएं के मेंढक जैसा हो गया था उसे बाहर की दुनिया का कुछ पता नहीं था समुराई लोग भी थे जो अपने शहर को प्रोटेक्ट करते थे और राजा का आदेश मानते थे यह समय 250 साल जापान दुनिया से अलग थलक था
1850 में अमेरिका का उदय हुआ अमेरिका पूरी दुनिया पर अपना प्रभाव डालना चाहता था उसे खास तौर पर एशिया पर अपना प्रभाव जमाना था दुनिया के सभी देशों को अपने सातवें करने के लिए मनाया.
सारे पश्चिमी देशों को यही प्रॉब्लम सताती थी जापान भी हमारे साथ व्यापार करें पर जापान किसी के साथ व्यापार नहीं करता था अमेरिका के एक कैप्टन लोड अल्ट्रामैरिन ने 1853 मे सारी नेवी को लेकर जापान पर चले गए
वहां पहुंचने के बाद कैप्टन ने जापान वालों को सीधी धमकी दी यह तो हमारे साथ व्यापार करो या फिर हमारे से युद्ध के लिए तैयार रहो तीर और कमान को अपना असली हत्यार मानने वाले इन जापानियों ने पहली बार कोई टॉप और बंधुके देखी थी देख कर डर गए थे उन्होंने उस केप्टन का कहना मान लिया ओर अमेरिका के सामने सरेंडर करदिया
अमेरिका ने फिर बहुत सारे एग्रीमेंट जापान से साइन करा लिया क्या इसके बाद बहुत सारे पश्चिमी देश भी अमेरिका के पीछे आने लगे और उन्होंने भी व्यापार शुरू कर दिया
जापानी लोगों ने पहले कभी नहीं देखा था कि दुनिया इतनी आगे पहोच चुकी है जापानी लोग धीरे-धीरे खुलकर बाहर आने लगे थे
जापान में जब पहली बार रेलवे चलाई गई जापान के लोग भी देखकर हक्का बक्का रह गए थे गाड़िया देखकर भी हैरान रह गए थे यह सब चीजों से उनको लगने लगा की जापान का विकास हो रहा है
जापान में एजुकेशन प्रणाली बनाई गई सरकारी योजना बनाई लेबर के लिए कानून बनाया गया
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सोगुनेट और राजा के बीच में गृह युद्ध
सोगुनेट के बड़े लोगों को अभी लगने लगा था की अमेरिकी लोग हम पर कब्जा कर लेंगे और हमारे पर राज करेंगे इसलिए जापान में गुरु युद्ध चालू हो गया एक तरफ राजा थे सोगुनेट लोग राजा के बीच में युद्ध हुआ जिसमें राजा जीत गया था कि राजा के पास में पूरे पश्चिमी देशों का सपोर्ट था उसके पास आधुनिक हथियार भी थे
सन 1868 मे मॉफी हित्तो जापान के 122 वे एमपोरेर बने इसके बाद जापान मे 1 नये युग को शुरआत हुई जब तक मॉफी हित्तो ज़िंदा थे तब तक सबकुछ बराबर था उनके मरने के बाद बहोत प्रॉब्लम हुई
यह राजा ने बहुत से जापान मे बदलाव किये थे जिसमे पार्लिमेंट बनायीं, लोकशाही को पनाह दी, जापान के नागरिक को वोट डालने का अधिकार मिला ओर शिक्षा प्रणाली को बदला जापानने अपनी खुदकी नेवी बनायीं, अपनी सेना बनायीं अब जापान पूरी तरह से पश्चिम देशों की संस्कृति को अपना चूका था
जापान का दूसरे देशों पर आक्रमण
जापान की सबसे बड़ी समस्या यह थी की उसके पास जमीन की बहोत कमी थी उसके पास खेती लायक जमीन नहीं थी नाही उसके पास कोई कुदरती संसाधन थे इसलिए जापान को कच्चा माल दुसरे देशों से आयात करना पड़ता था सन 1895 तक जापान 1 सुपर पावर बन चूका था जापान को और जमीन की जरूरत पड़ने लगी इसके लिए उसने दूसरे देशों पर आक्रमण चालू कर दिया था
उस वक्त की बहुत बड़ी डायनेस्टी ( सल्तनत )पर हमला कर दिया उसमे से 1 सल्तनत चाइना की चीन डायनेस्टी थी दोनों देशों का युद्ध हुआ जिसमें जापान ने चीन को पूरी तरह से हरा दिया साउथ कोरिया, चाइना और नार्थ कोरिया पर कब्जा कर लिया था.
इसके बाद जापान ने दुनिया की बहुत बड़ी महाशक्ति रशिया को भी हरा दिया था
1904 ओर 1905 मे रशिया और जापान के बीच युद्ध हुआ जिसमें जापान ने रशिया को बहुत बुरी तरह से हरा दिया था
इस तरह जापान दुनिया की सामने एक महाशक्ति बन के उभरा एशिया मे ज्यादा क्षेत्रफल पर जापान का राज था यह चीज पश्चिमी देशों को बहुत खटक ने लगी पश्चिमी देशों के साथ में जापान का टकराव चालू हो गया
विश्वयुद्ध की शुरुआत
STARTING THE WORLD WAR
फिर विश्वयुद्ध चालू हो गया पहले विश्वयुद्ध में जापान पश्चिमी देशों के साथ था दूसरे विश्वयुद्ध में जापान जर्मनी और इटली का साथ दिया था अमेरिका के साथ में जापान की दुश्मनी और बढ़ने लगी ब्रिटेन साथ में भी दुश्मनी बढ़ने लगी थी
दिसंबर 1941 को जापानने अमेरिका के पर्ल हर्बर पर हमला कर दिया यह हमला इतना भयानक था कि अमेरिका के बहुत सारे जवान मारे गए इसके बाद जापान और अमेरिका के बीच में युद्ध शुरू हो गया था अमेरिका ने बेटा का मिडवा में जापानीस नेवी को तहस-नहस कर दिया था उसके बाद अमेरिका ने 1945 में को पहले चेतावनी दी कि हार मान लो मगर जापान नहीं माना
अमेरिका ने परमाणु बम जापान के हिरोशिमा और नागासकी पर गिराए
Atomic Bombings Of Hiroshima and Nagasaki
6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया गया यह परमाणु बम का नाम फैंटम था इसके बाद भी जापान नहीं माना जापान सरेंडर करने के लिए तैयार था पर उसकी की बहुत सारी शर्तें रख रहा था इसलिए अमेरिका ने दूसरा परमाणु बम गिराने का सोचा जापान का दूसरा बम का नाम लिटल बॉय था जो की वो कोइकुराशहर पर गिराने वाला था खराब मौसम के कारण अमेरिका ने इस बम को नागासाकी शहर पर गिरा दिया इसके बाद भी जापान नहीं माना जापान की हालत और खराब होने लगी थी जब जापान के पार्लिमेंट सदस्यों को यह पता चला अमेरिका ने दूसरा बम भी गिरा दिया और दूसरी तरफ से रशिया के स्टालीन भी आक्रमण कर रहे थे तो उन्होंने दिमाग लगाया अगर रशिया हम पर कब्जा कर लेगा तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा और कम्युनिस्ट राज आ जाएगा राजाशाही भी खत्म कर देगा तो लोगों ने अमेरिका को अपना आत्मसमर्पण कर दिया
जापान का आत्मसमर्पण और नए युग की शुरुआत
15 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया इसके बाद जापान में एक नए युग की शुरुआत हुई जिसमें अमेरिका ने अंब्रेला एक्ट के तहत पूरी तरह से सुरक्षा देने की बात कही और आज भी जापान को अमेरिका ही सुरक्षा देता है
उसके बाद जापान ने बहुत उद्योगिक विकास किया अपना व्यापार पूरी दुनिया तक लेकर गया आज जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जापान में आज पार्लिमेंट और सम्राट दोनों है
इस तरह जापान ने एक विश्व पावर से अपने अंत तक का सफर तय किया
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